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डरना तो पड़ेगा पार्ट 2

मामा - यह भांजा,,,आज मेरी जान लेकर ही रहेगा,,,मैंने सुना है,,,अंधेरे में बुरी आत्माओं की शक्ति,,,डबल हो जाती है पर यह सब बातें,,,इस अनपढ़ को कैसे समझाऊ,,,मन में हनुमान चालीसा का पाठ करके,,,आराम से सो जाता हूं"!

फिर मामा ने मन में हनुमान चालीसा शुरू की

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र महा सुखधामा

और मामा को की नींद लग गई ,,,घड़ी में रात के 1:00 बजे हैं,,,करण ने करवट बदली और अचानक लाइट अपने आन ऑन हो गई,,,लाइट करण की आंखों पर पड़ी और उसकी आंख खुली,,,उसने देखा,,,लाइट चालू है,,,और मामा सोए हैं,,,फिर वह उठा और मन में मामा को कोसते हुए बोला

करण - मामा,,,एक नंबर के फट्टूलाल है,,,अंधेरे से डरते हैं,,,,इसलिए लाइट ऑन कर दी"!

फिर उसने पानी पिया और लाइट ऑफ करके,,,सोफे पर सोया और आंखें बंद की,,,तभी फिर लाइट ऑन हो गई,,,करण ने फटाक से आंख खोली और देखा,,,मामा जी तो सोए,,,खर्राटे ले रहे हैं,,,

फिर उसने मन में सोचा,,,

करण - मामा जी तो सोए हैं तो लाइट अपने आप कैसे ऑन हुई,,,कहीं सच में यहां किसी आत्मा का साया तो नहीं है,,,मुझे भी यहां बड़ा अजीब लगता है,,,अब मामा जी के पास जाकर,,,सो जाता हूं,,,जो भी होगा,,,मामा भांजे,,,आधा-आधा बांट लेंगे"!

यह सोचकर करण, अपने मां के पास आकर ,सो गया तभी लाइट बार-बार अपने आप बंद चालू होने लगी, करण का डर के मारे,,,गला सूख गया और उसने सिटपीटाते हुए,,,अपने मामा के कंधे पर मारा और कहा

करण - मामा जी,,,ओ मामा जी"!

तब पास सोया मामा बोला

मामा -चुपकर भांजे,,,,मुझे सब पता है,,,मैं जाग रहा हूं"!

तभी पंखा भी अपने आप ऑन हो जाता है और उसमें से डरावना साउंड निकलता है,,,,

करण बोला

करण - मामाजी,,,पंखा अपने आप कैसे चालू हो गया"?

तब मामा बोले

मामा - भांजे,,,भूत को गर्मी लग रही होगी"!

तभी किचन से डरावनी हंसी की आवाज आई,,,उनश् दोनों ने उठकर,,,किचन की तरफ देखा,,,

किचन में उन्हें एक,डरावनी परछाई दिखाई दी,,,उस डरावनी परछाई को देखकर,,,मामा-भांजे ने एक दूसरे की ओर देखा और करण ने पूछा

करण - मामा,,,यह कौन है"?

तब मामा ने चीड़ते हुए कहा

मामा - मुझे क्या पता,,,कौन है,,,तेरे घर में रहता है,,,तुझे पता होना चाहिए"?

तभी वह डरावनी परछाई,,अपनी भयानक, डरावनी आवाज में रोने लगी, तब करण बोला

करण - मामा,,,यह रो क्यों रहा है"?

तब मामा ने गुस्से से कहा

मामा - मुझे क्या पता,,भांजे,,,तू जाकर पूछ ले"?

तभी उस डरावनी आवाज ने अपना स्वर बदला और हंसने लगा,,तब करण बोला

करण - यह एक है या दो है,,,कभी हंसता है तो कभी रोता है"?

तब मामा ने कहा

मामा - चुप कर नालायक,,,एक ने जान हलक में अटका दी है और तु,,,दूसरे की बात कर रहा है"!

तब करण ने कहा

करण - चलो,,,मामा जी,,,देखकर आते हैं,,,वहां कितने है  "! करण ने मामा का हाथ पकड़कर,,,बैड से उतरते हुए कहा

तब मामा बोला

मामा - भांजे,,,,तु हाथ तो एसे पकड़ के ले जा रहा है,,,जैसे मेला देखने ले जा रहा हो"!

करण चीड़ते हुए बोला

करण - मामा,,,,मजाक मत करो"!

दोनों डरते-डरते किचन में आए और उन्होंने एक भयानक आदमी को मुंह छुपाए बैठे देखा,,,जो अपनी भयानक आवाज में रो रहा है,,,तब करण ने कहा

करण - कौन हो तुम और रो क्यों रहे हो"?

तब मामा बोला

मामा - तुझे भूख लगी है क्या,,,चल खाना खा ले पर यहां औरतो जैसा बैठकर,,,रो मत यार"!

तभी वह भयानक आदमी उठा और उसने मामा का गला पकड़ कर बोला

भयानक आदमी - पागल बुढ्ढे,,,कॉमेडी करता है"!

मामा उसका भयानक चेहरा देखकर,,,वहीं बेहोश हो गए,,,यह देखकर,,,करण घबराया और दीवार से टकराकर नीचे गिरा और वह भयानक आदमी,,,करण की तरफ बड़ा,,,करण ने अपना मुंह छुपा कर कहा

करण - मुझे मत मारो,,,मुझे मत मारो"!

तब वह डरावना आदमी,,,करण की ओर बड़ा और उसने नजदीक आकर कहा

आदमी - यह मेरा घर है,,,निकल जा यहां से"!

तब करण ने डरते हुए कहा

करण - हां, हां,,,चला जाऊंगा पर प्लीज मुझे मत मारो,,,मुझे मत मारो,,,मुझे मत मारो"!

तभी मामा ने सोफे से नीचे गिरे,,,करण के सिर पर मारा और कहां

मामा - अरे,,,फट्टू भांजे,,,सपनो से बाहर निकल"!

तब करण की आंख खुली और उसने सामने मामा को देखा,,,तभी उसकी घड़ी का अलार्म बजा,,,करण ने घड़ी की तरफ देखा,,,,सुबह के 7:00 बजे हैं,,,तब करण को पता चला,,,वह एक भयानक सपना देख रहा था,,,तब मामा ने कहा

मामा - भांजे,,,में तैयार होकर रेडी हो गया हूं,,,तू भी फटाफट तैयार हो जा,,और मुझे रेलवे स्टेशन तक छोड़ देना,,,नहीं तो ट्रेन निकल जाएगी"!

करण ने मन में सोचा,,,

करण - अगर मामा चले गए तो मैं,,,,अकेला यहां सपने में ही मर जाऊंगा,,,इन्हें रोक लेता हूं"! यह सोचकर करण ने मामा से कहा

करण - क्या मामा,,,आए और चल दिए,,,अब आए हो तो एक दो महीने रह लीजिए,, परसों तक मम्मी पापा भी आ जाएंगे और आपने रात को कुछ पूजा के बारे में बताया था,,,अरे,,,,वह पूजा भी तो करवाना है,,,एक ही तो मामा जी हैं,,,आप,,,मेरे,,,ऐसे नहीं जाने दूंगा"!

तब मामा ने मन में सोचा

मामा - लगता है,,,इसने भी रात को कोई डरावना सपना देखा है,,,इसीलिए मुझे भागने की बजाय,,,रोकने की कोशिश कर रहा है पर यहां रुकना,,,अपनी मौत को दावत देने के बराबर है"! यह सोचकर मामा ने कहा

मामा - भांजे,,,,तेरी,,,मामी की तबीयत खराब है,, वहां पर उसे कोई,,,संभालने वाला भी नहीं है,,,इसलिए जाना पड़ेगा,,,अगले हफ्ते वापस आ जाऊंगा,,,अभी मुझे रेलवे स्टेशन छोड़ दे,,,जाना जरूरी है"!

तब करण ने सोचा

करण - मामा,,,ऐसे मानने वाले नहीं है,,,इनके साथ कोई कांड करना पड़ेगा"! यह सोचकर कारण ने कहा

करण - ठीक है मामा,,  मैं तैयार होकर आता हूं,,,आपको रेलवे स्टेशन छोड़ दूंगा"!

नेक्स्ट सीन

घड़ी 8 बजे हैं,,,करण तैयार होकर आया तो मामा बोले

मामा - चले भांजे"!

करण - ठीक है,,,चलते हैं"!

दोनों घर के बाहर आए,,,तब करण ने अपनी जेब,,,संभालते हुए कहा

करण - मामाजी,,, बाइक की चाबी घर में भूल आया,,टीवी के पास रखी है,,,आप जाकर ले आइये,,,तब तक मैं गाड़ी साफ कर लेता हूं"!

जैसे ही मामा घर के अंदर गए, करण ने बाहर से घर का ताला लगाया और अपनी जेब से मोटरसाइकिल की चाबी निकाल कर बाइक स्टार्ट की मामा दौड़ते हुए दरवाजे के पास आया और दरवाजा ठोकते हुए बोला

मामा - भांजे,,,बाहर से दरवाजा क्यों लगाया,,,दरवाजा खोल"?

तब करण ने कहां

करण - मामाजी,,,दरवाजा नहीं लगाया है,,,ताला लगाया है,,,मैं अभी आता हूं,,,आप घर ही रहिए"!

तब मामा बोला

मामा - अरे,,,भांजे,,,अपने मामा से ऐसा मजाक मत कर,,,नहीं तो मैं,,,,मर जाऊंगा,,,हार्ट का पेशेंट हूं"!

पर करण नहीं माना और अपनी बाइक लेकर चला गया,,,तभी मामा के कान में फिर डरावनी,,,हंसी की आवाज आई और उन्होंने पलटकर किचन की ओर देखा,,, और वही डर कर,,,बेहोश हो गयें

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:35 AM

👍👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:39 PM

Nice

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